शासकीय भूमि को कब्जा कर कॉलोनी निर्माण की तैयारी जोरों पर,प्रशासन मौन क्यों ?

सारंगढ़ – जिला बनने के बाद सबसे ज्यादा नियम कानून कायदे की धज्जियां उड़ाई जा रही और सबसे ज्यादा कालोनी बनाने में भू माफिया अवैध फायदा उठा रहे आपको बता दे सारंगढ़ से महज 8 से 10 किलोमीटर दूर छिंद (चुरेला ) पेट्रोलपंप के साइड में ब्रॉडकास्टिंग दीवार खड़ाकर प्लॉट काटने में लगे हुए है जहा सारे नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही और माफिया का करामात देखिए छोटे छोटे निजी जमीन को खरीदकर उसे अब टुकड़ों में जमीन को काट कर प्लॉट बनाया जा रहा जिसमे सबसे बड़ा खेला शासकीय जमीन को हड़प लिया गया सूत्रों की माने तो बताया जा रहा है रहा की लगभग 20 से 30 डिसमिल सरकारी जमीन था उसे भू माफिया ने निजी जमीन के साथ अपने में मिलाकर कब्जा कर लिया और निजी जमीन के साथ शासकीय जमीन को भी टुकड़ों में बाट कर बेचा जा रहा बताया जा रहा की कोई बिलासपुर का भू माफिया है सूत्र तो यह भी बताया जा रहा की पैसे का लेन देन प्रशासनिक तंत्र तक भी पहुंचाया गया है जिसकी वजह से अब तक जिम्मेदार आंख मूंदे दफ्तर में बैठे है जबकि जमीन का न तो किसी प्रकार का कोई सीमांकन किया गया है जिसमे निजी और शासकीय जमीन की पहेचन हो जाता ? की आखिर कितनी जमीन उसकी और कितना शासकीय लेकिन सारंगढ़ में तो ऐसा चल रहा जहा भी मन करे किसी की भी जमीन कभी भी कही भी कब्जा किया जा सकता है जिसका जीता जागता उदाहरण बन रहे प्लॉट है बकायद बैनर पोस्टर और पम्पलेट डाल लालच दे रहे है और सारंगढ़ बिलाईगढ़ की प्रशासन मौन बैठी है आज तक किसी भू माफिया पर कार्यवाही नही कर पाई जबकि नियम की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है ?

ग्राहक हो जाये सावधान नही तो लग सकता है लाखो का चूना ?
वही बताया जा रहा है की शासकीय जमीन को भी भू माफिया लोगो को गुमराह कर जमीन बेचा रहा अगर आप भी इसमें पैसे लगाते है तो आप कही कोई ठगी का शिकार हो सकते है लेने से पहले पूरी जांच पड़ताल कर ले जनहित में यह समाचार प्रकाशित किया जा रहा है जहा शासकीय जमीन को प्लाट काट रहे

वही नियमों को देखे तो कोई भी खेती वाली जमीन को खरीद तो सकता है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ खेती के लिए ही किया जा सकेगा। कृषि की जमीन का उपयोग कॉलोनी विकास या अन्य कार्यों के लिए नहीं किया जा सकता। लेकिन सारंगढ़ में तो अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीद बिक्री में भू माफिया मालामाल हो रहा है। किसानों को झांसे में लेकर कम दाम में जमीन का सौदा कर बगैर प्रशासनिक अनुमति के अवैध प्लाटिंग की जा रही है। इन प्लाटों के लिए कोई रास्ता निर्धारित नहीं हैं, इसके चलते भू-माफिया खुद ही मिट्टी की सड़क बनाकर इसे बेहतर प्लाट दिखाकर खरीददारों को झांसा देने में लगे हुए हैं।