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सारंगढ़ : वार्ड नंबर 14 में खुलेआम बिक रही अवैध शराब सोशल मीडिया पर मचा बवाल, विभाग की कार्यशैली पर उठे गंभीर सवाल

सारंगढ़। शहर के वार्ड नंबर 14 में खुलेआम अवैध (दो नंबर) शराब की बिक्री को लेकर अब जनाक्रोश तेजी से बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड में लंबे समय से अवैध शराब का कारोबार चल रहा है, लेकिन आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। विभागीय लापरवाही और प्रशासनिक चुप्पी के कारण यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी गरमा गया है।

इस पूरे मामले की शुरुआत कृष्णा रावत नामक युवक की एक फेसबुक पोस्ट से हुई। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि वार्ड नंबर 14 में खुलेआम दो नंबर की शराब बेची जा रही है और विभागीय अधिकारी इस पर आंखें मूंदे हुए हैं। उनकी यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई और लोगों ने जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं।

स्थानीय एडवोकेट अनुरोध पटेल ने कृष्णा रावत की पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा

बिल्कुल सही बात कह रहे हैं आप, आबकारी विभाग पूरी तरह से सुस्त है। पता नहीं क्यों उसके द्वारा खानापूर्ति कर अपने कर्तव्यों की इति श्री कर ली जाती है।”

इसी पोस्ट पर मनोज पॉटर ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा

जिन लोगों से घूस का पैसा नहीं मिलता है, वही लोगों को पुलिस पकड़ती है।”

वहीं, Dev Yadav ने अपनी टिप्पणी में समस्या की व्यापकता की ओर इशारा करते हुए लिखा

हर वार्ड में एक ऐसे धुरंधर हैं कृष्णा भाई। बात सिर्फ वार्ड नंबर 14 की ही नहीं है, कोई वार्ड छूटा होगा तो अपवाद मान लो।

इन टिप्पणियों से साफ है कि यह समस्या केवल एक वार्ड तक सीमित नहीं है, बल्कि शहर के कई वार्डों में अवैध शराब बिक्री का नेटवर्क सक्रिय है। लोग खुलकर आरोप लगा रहे हैं कि विभाग और पुलिस की मिलीभगत से इस तरह का कारोबार फल-फूल रहा है, जबकि ईमानदार नागरिकों की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है।

स्थानीय समाजसेवियों ने भी इस मामले में चिंता जताते हुए कहा कि अवैध शराब बिक्री से न केवल कानून व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि समाज में गलत प्रवृत्तियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। मोहल्लों में आए दिन झगड़े और उपद्रव की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे आमजन का जीना मुहाल हो गया है।

नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध शराब बिक्री पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। वहीं, सोशल मीडिया पर लगातार बढ़ रही प्रतिक्रियाओं और जनदबाव के बाद अब सभी की निगाहें प्रशासनिक कदमों पर टिकी हुई हैं।

यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो स्थानीय नागरिकों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस वायरल होते मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है और अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।

MUKESH JOLHEY

CHIEF EDITOR HINDI MEDIA

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