सारंगढ़ में दो-दो डीईओ के बाद अब दो-दो प्रिंसिपल शिक्षा विभाग में मचा प्रशासनिक घमासान

सारंगढ़-बिलाईगढ़। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला का सबसे अशांत और विवाद भरा कोई विभाग है तो ओ है शिक्षा विभाग हम ऐसा क्यों कह रहे इसकी एक लंबी विवाद और बदनाम कहानी जुड़ा हुआ है जिसे आगे आपको बताएंगे फिलहाल अभी शिक्षा विभाग में इन दिनों अजीबोगरीब प्रशासनिक स्थिति देखने को मिल रही है। पहले तो जिले में दो-दो जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) की नियुक्ति और कार्यभार को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही, अब यही पीएम श्री स्कूल/ सजेस में भी देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के एक प्रमुख शासकीय विद्यालय में दो-दो प्राचार्यों (प्रिंसिपल) के पदभार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिससे विद्यालय में शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक सभी असमंजस की स्थिति में हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में हाल ही में नए आदेश जारी करते हुए निलंबित अधिकारी एल पी पटेल को प्राचार्य के रूप में पदस्थ किया गया। लेकिन वहाँ कार्यरत प्राचार्य को न तो स्पष्ट रूप से रिलीव किया गया और न ही उनका स्थानांतरण आदेश हुआ। क्योंकि जिस तरह से पूरा मामला था जब पूर्व डीईओ एल पी पटेल सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला की कमान संभाल रहे थे उस दौरान उड़नदस्ता दल कलेक्टर ने बनाया था जिसमें बिना कलेक्टर की जानकारी के पूर्व डीईओ एल पी पटेल ने फेर बदल कर दिया था उस मामले में निलंबित थे उसके बाद उन्हें फिर से जहां थे वहीं के स्कूल में बहाल कर दिया गया यह कोर्ट प्रक्रिया रहा लेकिन उसमें भी स्पष्ट नहीं की जो वर्तमान में सम्भाल रहे प्रिंसिपल, कहा जायेगे, क्या पद दिया गया, कौन सी जिम्मेदारी होगी कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं जिसकी वजह से दोनों अधिकारी स्वयं को विद्यालय का वैध प्राचार्य बताकर कार्यभार संभालने की कोशिश कर रहे हैं।
इस तरह के आदेश आने के बाद विद्यालय परिसर में बीते कुछ दिनों से दोनों प्राचार्यों के बीच कार्यालयीन कार्यों को लेकर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। शिक्षकगण यह समझ नहीं पा रहे हैं कि किसके आदेशों का पालन करें। वहीं विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी इसका गहरा असर पड़ने लगा है। और स्कूल का शांत माहौल खराब हो रहा है
एक वरिष्ठ शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया —
यह पहली बार नहीं है। कुछ माह पहले दो-दो डीईओ की नियुक्ति को लेकर भी जिला मुख्यालय में अफरा-तफरी मची थी। अब यही हाल स्कूलों में हो रहा है। विभागीय स्तर पर समुचित समन्वय न होने के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावक और नागरिक मांग कर रहे हैं कि उच्च अधिकारियों को तत्काल हस्तक्षेप कर स्पष्ट व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।
एक अधिकारी पूरे सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला की शिक्षा व्यवस्था और शान्ति भंग कर रहा
आपको बता दे सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला के शिक्षा विभाग में अशांति, अव्यवस्था, जन आक्रोश, या कई तरह के विवाद के साथ सवाल खड़े हो रहे इसका कारण एल पी पटेल, सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला की इतिहास में आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ और न ही कभी इस हद तक किसी अधिकारी का इतना विरोध हुआ सिर्फ एक अधिकारी है एल पी पटेल जब भी सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला में आते है उसी क्षण से पुरजोर विरोध शूरू हो जाता है, चाहे छात्र संघ हो, या शिक्षक संघ, या आमजन हर तरह से विरोध एक एक ही आवाज गूंजता है एल पी पटेल वापस जाओ, एल पी पटेल हटाओ , अब आप सोच रहे होगे की आखिर इनका विरोध इतना क्यों है चलिए उसे भी जान लेते हैं आपको बता दे विगत वर्ष पूर्व जिस स्कूल में उन्हें बहाल किया गया है उसी स्कूल में एल पी पटेल कभी प्रिंसिपल हुआ करते थे उन दिनों शासकीय बहु उद्देश्य विद्यालय सारंगढ़ हुआ करता था जिसे आज पीएम श्री स्कूल और सजेस के नाम से जाना जाता है उन दिनों एक सेक्स स्कैंड मामला का गंभीर आरोप लगा था उसके बाद उनका पुरजोर विरोध हुआ,, फिर उन्हें हटा दिया गया कुछ सालों बाद फिर एल पी पटेल अचानक सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला का डीईओ बनाकर भेज दिया जाता है उसके बाद फिर पुरजोर विरोध हुआ, छात्र संघ ने हड़ताल किए कई दिनों तक धरने पर बैठे लंबा विरोध और विवाद बढ़ता गया फिर उन्हें एक बार हटा दिया गया लेकिन कोर्ट से स्टे लेकर फिर अपनी कुर्सी संभाल ली उसके बाद फिर लगातार छात्र संघ, शिक्षक संघ जैसे तमाम संघ ने खूब उनका विरोध किया सरकार तक उनकी कार्य और करतूत को लिखित में बताया उसके बाद भी जमे रहे और बताया जाता है कि सिर्फ अपनी मनमानी करते रहे नियम के विरोध कई तरह के कार्य किए समय बीतता गया उसके बाद कलेक्टर ने परीक्षा के लिए उड़नदस्ता दल बनाया जिसे सिर्फ अपनी मर्जी से बिना कलेक्टर की जानकारी के फेर बदल किया गया जिसमें कलेक्टर ने जांच टीम बिठाई और जांच ने में दोषी पाया गया तब जाकर फिर निलंबित हुए और उन्हें संभागीय शिक्षा विभाग के कार्यालय में अटैच कर दिया गया था उसके बाद उन्हें अब फिर उसी स्कूल में प्रिंसिपल पद देते हुए बहाल कर दिया गया लेकिन अब विवाद और बढ़ता जा रहा फिर से लोग विरोधकर रहे इस तरह से अगर उनकी पूरी शिकायत कुंडली निकाली जाए तो सूत्र बताते है कि लगभग 50 से अधिक शिकायत होगे
अब देखना होगा कि आगे क्या होता है लेकिन जिस तरह से विरोध हो रहा और बार बार उन्हें सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला में ही भेजा जा रहा इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही, साथ ही प्रशाशन की और साथ ही न्यायमूर्ति कहे जाने वाले कोर्ट की भी क्योंकि बार बार शिकायत विरोध लेकिन उसके बाद भी सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला में जबरदस्ती थोप कर जिला की प्रशासनिक व्यवस्था और छवि धूमिल हो रहा साथ ही जिला और शिक्षा विभाग में अशांति और शिक्षा स्तर पर गहरा असर पड़ता जा रहा है