लैलूंगा डबरी घोटाला : झूठी निकली शिकायत! रोजगार सहायक पर लगे आरोप ध्वस्त… अब उल्टा शिकायतकर्ता पर गिरेगी गाज?

रायगढ़/लैलूंगा।
मनरेगा की डबरी योजना को लेकर लैलूंगा क्षेत्र में मचा बवाल अब नया मोड़ ले चुका है। ग्राम पंचायत कुंजारा के हितग्राही नरेश गुप्ता ने रोजगार सहायक और पंचायत सचिव पर ₹1,35,000 हड़पने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए जनपद पंचायत, एसडीएम और यहां तक कि प्रदेश के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी तक शिकायत पहुंचाई थी।
नरेश गुप्ता ने दावा किया था कि—
कागज़ों में तालाब खुद गया है लेकिन जमीन पर “एक इंच मिट्टी तक नहीं हिली”।

इस मामले ने तूल पकड़ते हुए नवाखाई त्योहार के दिन तहसील कार्यालय के सामने आमरण अनशन का रूप ले लिया। प्रशासन पर सवालों की बौछार होने लगी और यह खबर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई।

जांच का सच सामने आया
लेकिन जब अफसर जांच के लिए मौके पर पहुँचे, तो तस्वीर कुछ और ही निकली।
डबरी वास्तव में निर्मित पाई गई।
जांच पंचनामा और उसी दिन की मौके की तस्वीरें भी वायरल हुईं।

यानि, जिस आधार पर रोजगार सहायक–पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था, वह झूठा साबित हो गया।
अब सवालों के घेरे में शिकायतकर्ता!
जांच रिपोर्ट ने अब कहानी का रुख ही पलट दिया है।
क्या शिकायतकर्ता नरेश गुप्ता ने शासन–प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की?
क्या मंत्री और अफसरों तक पहुँचाई गई शिकायत महज़ झूठे तथ्यों पर आधारित थी?
और सबसे बड़ा सवाल – क्या अब झूठी शिकायत करने वाले पर FIR दर्ज होगी?
निष्कर्ष
लैलूंगा डबरी घोटाला अब “घोटाला” कम और “झूठ का पर्दाफाश” ज्यादा बनकर सामने आ रहा है।
जहां एक तरफ रोजगार सहायक को क्लीनचिट मिलती दिख रही है, वहीं दूसरी तरफ शिकायतकर्ता की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं।