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आपातकालीन सेवाएं भी रहेंगी ठप – एनएचएम कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 18 अगस्त से

मुख्यमंत्री से मुलाकात – फिर भी सरकार ने नहीं सुनी बात, प्रदेश के 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर होंगे शामिल

सारंगढ़, 1 अगस्त 2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ ने 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन प्रदेशव्यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। यह निर्णय 30 जुलाई को रायपुर में आयोजित प्रांतीय बैठक में लिया गया, जिसमें प्रदेश के सभी 33 जिलों के जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता डॉ. अमित कुमार मिरी (प्रदेशाध्यक्ष) ने की।

संघ ने स्पष्ट कहा है कि यदि 15 अगस्त तक नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय मांगों पर सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तो प्रदेशभर के 16,000 से अधिक संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

इस बार आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं भी पूर्णतः बंद रहेंगी, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ना तय है।-

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर:
एनएचएम कर्मी छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ हैं। इनकी हड़ताल से निम्नलिखित सेवाएं प्रभावित होंगी:

संस्थागत प्रसव, आपातकालीन सेवाएं

मातृ एवं शिशु जाँच, स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम

टीकाकरण, अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम

ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो जाएंगी

मौसम को देखते हुए यह स्थिति सामान्य नागरिकों, महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर सीधा खतरा उत्पन्न करेगी।

संघ की प्रमुख मांगे:

  1. संविदा कर्मियों का नियमितीकरण व सिविलियन दर्जा
  2. ग्रेड पे निर्धारण
  3. मेडिकल अवकाश की सुविधा
  4. स्थानांतरण नीति का निर्धारण
  5. अनुकंपा नियुक्ति एवं पेंशन
  6. 27% वेतन वृद्धि का शीघ्र लाभ
  7. सेवा अवधि की स्थायी गणना
  8. कार्यदिवस निर्धारण में पारदर्शिता
  9. सभी संविदा पदों पर समान सेवा शर्तें
  10. कार्य सुरक्षा सुनिश्चित करना संघ का बयान:

मोदी जी की गारंटी के तहत 100 दिन में नियमितीकरण हेतु कमेटी गठन का वादा किया गया था। लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी न कमेटी बनी, न कोई निर्णय हुआ। हमने 155 से अधिक बार ज्ञापन सौंपे, विधानसभा घेराव किया, मुख्यमंत्री से मुलाकात की – फिर भी सिर्फ आश्वासन मिले।”

डॉ.अमित कुमार मिरी, प्रदेशाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ

स्थानीय प्रतिक्रिया:
स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील सेवा में कार्यरत कर्मियों की लगातार अनदेखी से कर्मियों में भारी आक्रोश है। यदि सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो आमजन को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जूझना पड़ेगा, जिसके लिए शासन जिम्मेदार।

MUKESH JOLHEY

CHIEF EDITOR HINDI MEDIA

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