केडार जलाशय क्षतिग्रस्त से रबी फसल से वांचित केडार क्षेत्रवासी

सारंगढ़:- नजर जहा पड़े वहा सिर्फ हरियाली ही हरियाली नजर आने वाली सैकड़ों एकड़ जमीन आज बंजर की भाती दिखाई पड़ रहा सारंगढ़ क्षेत्र की सबसे अधिक खेतिहर क्षेत्र माने जाने वाला क्षेत्र आज घास फूस और पाराली से भर चुका है, हरियाली खो कर वीरान जमीन में बदल चुका है आपको बता दे विगत कई वर्षों से सैकड़ों एकड़ की डबल फसली खेती आज रुक गया है जिससे किसानों की आय में भारी नुकसान हुआ होगा कुछ वर्षो से धान की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई तो किसानों का रुझान भी खेती की ओर तेजी से बढ़ रहा है इस वर्ष रबी फसल में खेती नहीं किया गया आपको बता दे सारंगढ़ क्षेत्र की सबसे अत्यधिक रबी फसल खेती करने वाली केडार क्षेत्र जहा लगभग 8 से 10 गांव के सैकड़ों हजारों किसान रबी फसल खेती करते आ रहे थे लेकिन इस वर्ष खेती पर प्रतिबंध लग गया जिससे ग्रामीण खूब परेशान हो रहे है केडार,लिमगाव,खोखसीपाली,अम्लीपाली , नवागांव,छिंद,….. जैसे दर्जन भर गांव है, जिनका आय का मुख्य साधन खेती है जहा लगभग हजारों एकड़ जमीन पर रबी फसल लगाया जाता है उसी से अपनी आय दुगनी कर रहे लेकिन इस वर्ष इन किसानों की आय घट रहा हजारों एकड़ जमीन खेती से हो गया वंचित जिसका मुख्य कारण केडार जलाशय बांध है इस क्षेत्र की किसानों की खेती का मुख्य श्रोत केडार जलाशय बांध है लेकिन इस बार जलाशय की कोख में इतना पानी नहीं की क्षेत्र की किसानों को पाल पोस सके जिसका सबसे बड़ा कारण है कि बांध डेमेज होना बताया गया
केडार जलाशय बांध लीकेज लेकिन मरम्मत कब ?
केडार जलाशय बांध वर्षों से क्षेत्र की किसानों के लिए जीवन दायनी बांध बना हुआ है जिसे क्षेत्र की सैकड़ों किसान हजारों एकड़ जमीन पर खेती करते आ रहे है लेकिन पिछले वर्ष सभी किसानों को खेती करने के लिए जल संसाधन विभाग ने मना कर दिया गया जिसका मुख्य कारण है कि केडार बांध डैमेज हो चुका है जिससे पानी रुक नही रहा जिसको लेकर क्षेत्र की किसानों ने जल संसाधन विभाग को पिछले वर्ष अवगत कराया गया जिस पर विभाग ने आश्वासन देते हुए मरम्मत करने की बात कही थी लेकिन अब तक इसका कोई हल नही निकला हालाकि विभाग कह रही है की ऊपर पत्र भेजा गया है स्वीकृति आते ही पूरा हो जाएगा लेकिन कब तक आयेगा इस बात की कोई जानकारी नहीं ।
बरसात से पहले जलाशय का मरम्मतीकरण नही हुआ तो बडी घटना घट सकती है ?
वही जब इस संबंध में क्षेत्र की ग्रामीणों ने बताया की पिछले वर्ष ही विभाग को इसकी जानकारी दे चुके है लेकिन अब तक नही हुआ है बांध इतना क्षतिग्रस्त हो चुका है की इस वर्ष इसे नही बनाया गया तो आने वाले बरसात के दिनों में बांध का टिकना संभव नही है क्योंकि पहाड़ों से होते हुए लाखो लीटर पानी बांध में आता है और जलाशय इतना क्षतिग्रस्त है की टिक नही पायेगा यह अंदाजा लगाया जा सकता है की अगर बरसात में बांध टूट गया तो कितना नुकसान क्षेत्रवासियों को उठाना पड़ेगा इस बात की भी चिंता ग्रामीणों को सता रहा वही मीडिया टीम को बताते हुए ग्रामीण ने यह गुहार लगाया है की जल्द से जल्द बांध की मरम्मत किया जाए ।