कोसीर में अध्यक्ष प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज तो हरदी अध्यक्ष प्रबंधक को अभयदान कैसे?

सारंगढ़ बिलाईगढ़ – एक जिला ऐसा भी जहां एक ही विभाग, एक ही मामले की जांच, वही आधिकारी लेकिन कार्यवाही के वक्त बदल गाए नियम एक में वही पद लेकिन कार्यवाही में हो जाते है बाहर दरअसल मामला सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले का है जहां लगातार उपार्जन केन्द्र यानी धान खरीदी में हुआ जमकर घोटाला किसकी जांच जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर कराई जा रहीं अब तक जिले में 4 उपार्जन केन्द्र में जांच कर एफआईआर दर्ज कर लिया गया जिसमें में अध्यक्ष, प्रबंधक , फड़ प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर ,बारदाना प्रभारी तक पर मामला पंजीबद्ध हुआ लेकिन बड़े ही हैरानी की बात है की जब हरदी उपार्जन केन्द्र का जांच किया गया 1300 क्विंटल धान की कमी पाई गईं और मामला पंजीबद्ध होता है फड़ प्रभारी, बारदाना प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर पर एफआईआर दर्ज किया गया और प्राधिकृत अध्यक्ष, प्रबंधक जांच में बकायदा शामिल रहे लेकिन कार्यवाही से बाहर हो गए एक जांच कोसीर उपार्जन केन्द्र का भी ठीक इसी तरह से जांच किया गया 3042 क्विंटल धान की कमी पाई गईं जिसमे प्राधिकृत अध्यक्ष, प्रबंधक, फड़ प्रभारी, आवक प्रभारी पर एफआईआर दर्ज किया गया आख़िर एक ही विभाग ने जांच की धान की कमी दोनो में पाई गईं लेकिन कार्यवाही का तरीका बदल गया

एक समिती में अध्यक्ष प्रबंधक गुनहगार तो दूसरे समिती को अभयदान क्यों?
हरदी समिती को आखिर अभयदान देने का राज क्या है कैसे हरदी की जांच कोसीर में बदल गई कैसे कोसीर उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक अध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया और वही जांच पर उन्हे हरदी के अध्यक्ष, प्रबंधक को क्लीन चिट कर दिया गया विभाग के कार्यवाही पर उठ रहे सावल? कहीं मामला लेने देन का तो नही? फिलहाल पुलिस विभाग ने जिस तरह से जांच किया होगा और जिन्हे पार्टी बनाई गई पुलिस उस आधार पर ही एफआईआर दर्ज किया गया होगा जांच में आगे और भी नाम जुड़ सकते है
पुर्व में भी लाखों का घोटाला करने वाले प्रबंधक शंकर साहु कैसे बन गाए फिर प्रबंधक
वही हरदी उपार्जन केंद्र में पहले की गई अनियमिता के कारण प्रबंधक दुर्गेश साहू को प्रबंधक पद से हटा कर नए प्रबंधक के रुप में छिंद के पूर्व प्रबन्धक शंकर साहू को नियुक्ती दे दी, नियुक्ती पर भी उठ रहे सावल आखिर पुर्व में छिंद समिती में 65 लाख रूपये के फर्जीवाड़ा में संलिप्त थे जिसमे व्यक्तिगत रुप से सरकार को क्षति पहुंचाने वाली राशी का वसूली करने के लिए प्रबंधक शंकर साहू को 10 लाख रूपये भरने थे वही सूत्रों की माने तो यह भी मामला में अभी तक प्रबन्धक शंकर साहू को क्लीन चिट नही मिला है? यह भी सवालों के घेरे में है की क्लीन चिट मिला या नही? अगर नही तो फिर उसकी नियुक्ति कैसे और किस आधार पर की गई? ये भी जांच का विषय है फिलहाल
डीआर जायसवाल ने कहा मुझे पता नही जो भी करते है सारंगढ़ से होता है
वही जब हम इस संबध में जिला सहकारिता आधिकारी जायसवाल से दूरभाष के माध्यम से जानकारी लिया गया तो साहब ने एक लाइन में कह दिया की वहा का सारा काम ए आर ही देखता है मुझे तो सिर्फ कागज में बस भेजा जाता है सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में क्या करना वही तय करते है जैसे ही हमने शंकर साहु को लेकर सावल जवाब किया गया तो कहते है ये सब वही से हुआ है और कई लोगो की नियुक्ति हुई है बिना देखे कुछ नही बता सकता और अभी मैं छुट्टी पे हु कहते फोन काट दिया गया खैर फिलहाल अगली खबर पर उन अधिकारियो से जानेंगे की कैसे और किस आधर पर नियुक्ती की गई है