बिना परमिशन पाटा गया गांव के बीचो बिच जहरीली राख़, कर रहे स्वास्थय से खेलवाड़…

सारंगढ़ बिलाईगढ़ – सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले मे बिना परमिशन के जहरीली राख़ को पाटा जा रहा जहाँ मन किया डाल दिया गया ना तो किसी नियम का पालन कर रहे और ना ही किसी विभाग से परमिशन लिया गया और सैकड़ो ट्रक फ्लाई ऐश मोहल्ले की बिच पुरानी तालाब को पाट दिया गया मिली जानकारी अनुसार सारंगढ़ जनपद पंचायत मे आने वाले ग्राम पंचायत जिल्दी के आश्रीत गांव मौहापाली मे मोहल्ले के बिच वर्षो पुरानी तालाब थी जिसको फ्लाई ऐश से पाट कर छोड़ दिया गया है और इतना ही नहीं मुख्य मार्ग सडक से लगे महज कुछ दूर भी भारी मात्रा मे फ्लाई ऐश का भण्डारण किया गया है जो की शासकीय सडक बताया जा रहा जिससे मनरेगा मे बनाया गया है जबकि फ्लाई ऐश ऐसे स्थानों मे पाटा जाना चाहिय जहाँ जनस्वास्थय मे कोई हानि ना हो लेकिन जहाँ पाटा गया उसके चारो तरफ घर ही घर है जहाँ सैकड़ो लोग निवासरत है और सबसे बड़ी बात फ्लाई ऐश डाल उसे खुला छोड़ दिया गया ना तो उसमे मिट्टी डाल ढका गया जबकि नियम मे साफ तौर पर मिट्टी डाला जाना अनिवार्य है और साथ ही पानी का छिड़काव भी करना है ताकि फ्लाई ऐश हवा से ना उड़े लेकिन यहाँ सारे नियम दरकिनार कर सिर्फ पाट कर पैसा कमाने की मंशा से किया गया

ग्राम पंचायत ने फ्लाई ऐश पटवाया और खुला छोड़ दिया गया बीमारियों को दें रहा नेवता
वही फ्लाई ऐश की बात करें तो यह राख नहीं जहरीला राख है जिसके संपर्क मे आने से बहुत ही खरतनाक बीमारियों से ग्रसित हो सकते है जैसे

1.फ्लाई ऐश के संपर्क में आने से श्वसन पथ की श्लेष्म झिल्ली में जलन हो सकती है.
2.लंबे समय तक सांस लेने से श्वसन संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
3.फ्लाई ऐश में मौजूद क्रिस्टलीय सिलिका फेफड़ों में जमा हो सकती है, जिससे सिलिकोसिस हो सकता है.
4.फ्लाई ऐश के संपर्क में आने से तीव्र फेफड़े की बीमारी विकसित हो सकती है.
5.फ्लाई ऐश से निकलने वाले विकिरण से अनेक स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं.
फ्लाई ऐश जनस्वास्थय के साथ पर्यावरण पर भी गहरा असर पड़ता है
1.फ्लाई ऐश वायु प्रदूषण का कारण बनती है.
2.फ्लाई ऐश जल में कुछ तत्वों के नीलक्षण का कारण बन सकती है, जिससे द्वितीयक पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है.
3.फ्लाई ऐश में मौजूद धातुएं भूजल जलभृतों में भी रिसती हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता खराब होती है.
4.फ्लाई ऐश बागवानी, कृषि, और वन क्षेत्र को प्रभावित करती है.
5.फ्लाई ऐश के महीन कण पौधों की पत्तियों पर जमा होकर प्रकाश संश्लेषण में अवरोध उत्पन्न करते हैं.
ग्राम पंचायत और ग्रामीण खुद स्वास्थय से कर रहे खिलवाड

वही जब मोहल्ले के कुछ ग्रामीणों से बात चित किया गया तो बताया जा रहा की फ्लाई ऐश पाटने के लिए पुरे मोहल्ले वालो ने सहमति दी है और उसी के आधार पर ग्राम पंचायत के सरपंच ने काम को करवाया गया वही जब परमिशन को लेकर सरपंच से जानकारी लिया गया तो उन्होंने मौखिख तौर पर उनका कहना था की सारा परमिशन ले लिया गया है sdm कलेक्टर, और पर्यावरण विभाग से ले लिया गया है लेकिन वही जब पर्यावरण और पटवारी से दूरभाष के माध्यम से जानकारी लिया गया परमिशन लेने की बात पर साफ हाथ खड़ा कर दिए की अब तक हमारे पास कोई जानकारी नहीं आया और ना ही लिया गया अब सवाल यह उठता है की आखिर परमिशन लिया गया तो कोई बोर्ड या परमिशन का स्थान पर क्यों नहीं चसपा किया गया और किस कंपनी का फ्लाई ऐश है, आखिर कौन है ट्रांसपोटर ये भी कोई बताने को तैयार नहीं वही अगर बात करें ग्राम पंचायत के सरपंच जो की जिम्मेदार पद पर है जिनको सभी नियम बखूबी पता होने के बाद भी क्यों ग्रामीणों के स्वास्थय के साथ खेलवाड़ किया जा रहा हालकी किसी स्थान को पटना यह गलत नहीं लेकिन उसके लिए प्रोपर तरीके से परमिशन लेकर नियम के तहत पटना चाहिए जिससे आमजनता के स्वास्थ्य पे कोई असर ना पड़े जहाँ पाटा गया लेकिन इसे भी अनदेखा किया जा रहा जनहित को देखते हुए खबर चलने के बाद अधिकारी किया संज्ञान लेते है ये देखने वाली बात होंगी