बिना रजिस्टर्ड के झोलाछाप डाक्टर भी अब 4 बिस्तर क्लिनिक संचालित कर लोगो का इलाज जारी

सारंगढ़ बिलाईगढ़ – सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले मे झोलाछाप डाक्टरो का मायाजाल बिछ गया हैँ हॉस्पिटल खोलने के लिए नर्सिंग होम एक्ट के तहत बड़ी लम्बी चौड़ी क़ानून कायदे हैँ जिसमे हॉस्पिटल खुलने मे कई महीने लग जाते है लेकिन झोलाछाप डाक्टर जिला का सबसे बड़ा डाक्टर बने बैठे हैँ

एक थैली उठाया, एक कमरा बनाया,4 से 5 बेड लगाया बन गया झोलाछाप डाक्टर का सर्वसुविधा यूक्त हॉस्पिटल और इलाज धड़ल्ले से जारी कोई नर्सिंग होम एक्ट नहीं, कोई MBBS नहीं, कोई स्वास्थय विभाग से रजिस्टर्ड नहीं, कोई बैनर पोस्टर नहीं, कोई डाक्टरों की सूची नहीं, क्योंकि साहब तो हैँ झोलझाप डाक्टर लेकिन इलाज करते हैँ MBBS ,md की तर्ज पर इनके लिए कोई नियम, क़ानून नहीं ऐसा ही एक ताज़ा तरीन मामला सारंगढ़ मुख्यालय से महज 20 से 22किलो मीटर दूर गौड़ खनिज ग्राम टिमरलगा मे ही एक ऐसा अवैध हॉस्पिटल संचालित हो रहा जहा 4 से 5 बिस्तर से संचालित किया जा रहा है और सारंगढ़ स्वास्थय विभाग की आलाधिकारियों अनजान बने बैठे है बताया जा रहा हैँ कोई झोलाछाप डाक्टर चम्पक लाल निषाद हैँ

जो अपना 4 से 5 बिस्तर वाला क्लिनिक की तौर पर संचालित कर रहा जहा बकयादा ग्रामीण क्षेत्र की भोलीभाली जनता इन झोलाछाप डाक्टरों की चंगुल मे फसकर सस्ते इलाज की लालच मे घिरे हुए है जहा ना तो कोई डिग्री की जानकारी है, ना ही कोई बोर्ड हैँ, लेकिन 4 से 5 बेड लगाकर लोगो का इलाज धड़ल्ले से जारी और बाकायदा बोतल (ड्रिप)चढ़ाते नजर आ रहे हैँ और साथ ही डाक्टर साहब एक दो स्टाप भी अपने साथ इलाज करते नजर आ रहे सूत्र तो यह भी बता रहे की निषाद अपने घर मे पैरालाइस लकवा जैस जटिल बीमारियों का इलाज बखूबी करते हैँ और इलाज के नाम पर 5 से 6 हजार तक की मोटी रकम वसूल लेते हैँ जबकि गुडेली टिमरलगा मे सरकारी स्वास्थ्य केंद्र हैँ उसके बाद भी झोलाछाप डाक्टर का धंधा खूब फल फूल रहा ?
आखिर कब होंगी झोलाछाप डाक्टरो पर कार्यवाही ?

सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले मे झोलाछाप डाक्टरो की संख्या काफी ज्यादा है और लगातार बढ़ता जा रहा है जिसमे तो कुछ झोलाछाप डाक्टर पच्छिम बंगाल से आकर अपना इलाज के नाम पर खूब इलाज का धंधा चला रहा बंगाली डाक्टरो की संख्या भी बढ़ता जा रहा हर 5 से 7 किलो मीटर की दायरे मे आपको 2 से 3 झोलाछाप डाक्टर मिल जायेगे कुछ घर घर जाकर इलाज कर रहे तो कुछ लोग अपना खुद का क्लिनिक खोल कर बैठे हुए हैँ और ऐसे झोला छाप डाक्टरो पर आखिर सारंगढ़ स्वास्थ विभाग की नजर क्यों नहीं पढ़ रही, जबकि झोला छाप डाक्टरो पर अंकुश लगाने सरकार कई कड़े निर्देश जारी कर चूका हैँ लेकिन सारंगढ़ मे ऐसे डाक्टरो पर कोई लगाम विभाग नहीं लगा रहा विभाग के अलाधिकारियो से जब इस सबंध मे जानकारी लिया गया तो टिमरलगा मे कोई भी ऐसे क्लिनिक रजिस्टर्ड नहीं बताया गया हलाकि कार्यावही की बात अलाधिकारियो ने कही अब देखना यह होगा की समाचार चलने के बाद विभाग कब तक कार्यावही करते हैँ ?