सारंगढ़ जनपद में दो जांचकर्ता रमेश सोनवानी,जगन्नाथिया सोनवानी की जांच की फाइल, जांच के बाद दब जाती ?

सारँगढ़ जनपद के कार्यशैली पर उठे कई सवाल
सूत्र जांचकर्ता लेन देन कर मामला को दबाया ?
सारँगढ़ – सारँगढ़ जनपद कोई नाम का मोहताज नही आये दिन अखबारों की सुर्खियां में रहता है ग्राम पंचायत की शिकायत य फिर अन्य सूचना के अधिकार के तहत जानकारी को लेकर किसी प्रकार का संज्ञान लेने में दिलचस्पी नही लेता ,जनपद में शिकायतों का पिटारा भरा हुआ है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी को संज्ञान लेने के लिए फुरसत नही है ग्राम पँचायत में भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत होता है और जांचकर्ता अधिकारी भी बनता है और ग्राम जाँच कर्ता अधिकारी गाँव भी पहुचते है लेकिन गाँव मे क्या होता है सूत्र मामला को जांचकर्ता ही पैसे की लेनदेन कर दबा दिया जाता है आपको बता दे विगत 3 महीने पीछे भंवरपुर में वित्त की राशि को सरपंच खुद ही वेंडर बनकर निकाल लिया गया इसकी शिकायत हुई लेकिन शिकायत हुए महज 3 महीने बीत गए वही बता दे बकायदा शिकायत पर जनपद से जांच का आदेश जारी होता है जांचकर्ता बनकर रमेश सोनवानी,जगनथिया सोनवानी गांव भी पहुंचते है फिर जांच करते है जांच में सब कुछ सामने आता है और तो और वित्त राशि का सारा ब्यावरा ऑनलाइन भी उपलब्ध रहता है जिसमे साफ तौर पर भवरपुर के सरपंच ने अपने नाम से निकाला लेकिन जांच कर पंचनामा बनाया गया उसके बाद जांचकर्ताओं ने मामला को ठंडे बस्ते में डाल कर घी पीकर बैठ गए
सारंगढ़ जनपद में दो जांचकर्ता रमेश सोनवानी,जगनथिया सोनवानी की जांच की फाइल, जांच के बाद दब जाती ?
सूत्र की मिली जानकारी अनुसार जांचकर्ता मामला को लेन देन कर रफा दफा कर देते है सारंगढ़ जनपद पंचायत में लगभग दर्जनों ऐसे शिकायत है जहा जांचकर्ता बनकर ये दोनो जाते है लेकिन उसके बाद जांचकर मामला को दबा देते है क्योंकि सूत्र की माने तो जांचकर्ता जांच करने नही बल्कि जांच के नाम पर मोटी रकम लेने पहुंचे है अगर आप इनकी जांच किए सारी फाइल निकाला जाए तो आपको सब कुछ पता चल जायेगा की जांच में पंचनामा में दोषी तो पाए जाते है लेकिन उसके बाद जांचकर्ता फाइल को आगे नही बढ़ाते अपने पास ही दबा कर रख लिया जाता है
जांचकर्ता के जांच पर होनी चाहिए जांच और हो कार्यवाही
ऐसे जांचकर्ता की जांच पर जांच होनी चाहिए आखिर शिकायत कब की है और जांचकर्ता ने कब जांच करने पहुंची और उसके बाद जांचकर्ताओं ने आगे क्या कदम उठाए और कब उठाए गए क्या समय सीमा को ध्यान में रखकर जांचकर्ता ने अपनी जिम्मेदारी निभाई या हुआ लेट लतीफ और लेट लतीफ की वजह आपको सब एक एक सिस्टम समझ में आ जायेगा की सूत्र की माने तो ऐसे जांचकर्ता के करते हुए कोई भी भ्रष्टचारि,पर कार्यवाही हो नहीं सकता क्योंकि जांचकर्ता साहब नोटों के सहारे जांच के फाइल को दबाने की कोशिस किया जा रहा है ?