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हरदी उपार्जन केंद्र में लगभग 1300 क्विंटल धान का हुआ हेरा फेरी

सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले का यह पहला मामला

राजस्व, सहकारिता, खाद व बैंक की संयुक्त टीम ने की जांच

सारँगढ़ – यू तो प्रदेश की सरकार धान खरीदी में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नही चाहता इसके लिए जिला प्रशासन से लेकर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाते है ताकि धान खरीदी पारदर्शिता के साथ हो और बकायदा उसके लिए लगातर मॉनिटरिंग की जाती है उसके बाद भी धान खरीदी में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया हैं जहा खरीदी तो टारगेट के अनुसार किया गया लेकीन जब उठाव की बारी आई तो बडा मामले का खुलासा हुआ जिसमे सरकारी डाटा अनुसार सैकड़ों क्विंटल धान उठाने थे लेकिन फड़ मे धान नही,, फड़ ख़ाली हो चुका था

जांच करते हुए सयुंक्त टीम

दरअसल मामला सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के उपार्जन केन्द्र हरदी (1566 क्रमांक) का है जहा लगभग 58 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदा गया था जहां उठाव के अंतिम दिनों में लगभग 56 हजार क्विंटल से अधिक धान का उठाव करने के बाद फड़ मे धान खत्म हो गया तब मामला सामने आया की हरदी उपार्जन केन्द्र में सैकड़ों क्विंटल धान का कमी आया है जिसकी शिकायत प्रबन्धक शंकर साहू ने विभागीय अधिकारियों की उसके बाद कलेक्टर साहब ने संयुक्त टीम बनाई आउट हरदी उपार्जन केन्द्र भेज जहां फड़ की जांच किया गया तो महज 713 बोरी धान फड़ में मिला और लगभग 1300 क्विंटल धान की कमी पाई गई और साथ ही धान की ही कमी नही बल्कि बरदाने को लेकर भी गड़बड़िया पाई गई अधिकारियो ने धान की गुणवत्ता की भी जांच किया गया उसमे भी गुणवत्तविहीन पाया गया जांच दल ने प्रबंधक, बरदाना प्रभारी, चौकीदार, ऑपरेटर, आवक प्रभारी जैसे आधे दर्जन से भी अधिक समिति संचालकों का बयान लिया गया

फिलहाल जांच मे अब तक यह खुलासा नही हुआ है की आखिर कार धान का इतना बडा कमी आया कैसे आगे जांच में होगा बडा खुलासा फिलहाल प्राथमिक जांच में फड़ प्रभारी दुर्गेश का नाम सामने आ रहा है जहा जिन्होने खरीदी में हेरा फेरी की है यह भी बताएं जा रहा की दुर्गेश साहू 2024- 25 धान खरीदी में एक से डेढ़ महिने प्रबंधक भी रहा और फड़ प्रभारी, लेकिन बाद में प्रबंधक पद से हटा दिया गया था और उनके स्थान पर नए प्रबंधक शंकर साहू को नियुक्त किया गया था लेकिन यही जांच और सवाल खत्म नही होते संचालक समिती पर भी कई सवालों के घेरे में है की आखिर कार जब एक फड़ प्रभारी धान खरीदी में हेरा फेरी कर रहा या फिर किसी बड़ी गड़बडी को अंजाम दे रहा तो आखिर कार समिती में प्रबंधक और संचालन समिति क्या कर रही थे, आखिर बाकी सदस्य या जिम्मेदार कहा थे,सवाल तो यह भी उठता है की प्रत्येक उपार्जन केन्द्र में नोडल अधिकारी भी होते है जिनका काम होता है मॉनिटरिंग करना खरीदी सही तरह से चल रहा या नही इतना ही नही सवाल तो यह भी खड़ा होता है की जब उपार्जन केन्द्र में खरीदा शुरु होती है तब से बीच बीच में कई बार जिला प्रशासन की ओर से टीम गठित कर भौतिक सत्यापन भी कराया जाता है आखिर भौतिक सत्यापन में क्या मिला था? जबकि खुद वर्तमान प्रबंधक शंकर साहू से पूछा गया की अधिकारी जांच करने पहुंचते थे तो प्रबंधक ने खुद बताया कि 2 से 3 बार अधिकारी जांच करने पहुंचे है कितना खरीदा गया कितना उठाव हुआ स्टेक भी गिनते थे उसमे कोई धान की कमी नही पाई गई जब खुद प्रबंधक कह रहे जांच में कोई कमी नही पाई गई थीं तो अचानक 1300 क्विंटल धान का कमी कैसे हो गया यह भी बडा सवालों के घेरे में है हरदी समिती आखिर कौन कौन जिम्मेदार है, अकेले फड़ प्रभारी ने हेरा फेरी किया या फिर इसके पीछे है कई चेहरे फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रहीं जांच अधिकारी ने कहा की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही होगी लगातार हम इस खबर की हर अपडेट आप तक पहुंचाते रहेंगे

MUKESH JOLHEY

CHIEF EDITOR HINDI MEDIA

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