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शासकीय शिक्षक उठा राहें पीएम किसान सम्मान निधि का फर्जी तरीके से लाभ

सारँगढ़- सारँगढ़ बिलाईगढ़ जिले हर सम्भव फ़्रॉड हो सकता है किसी प्रकार का कोई सक्षम अधिकारी संज्ञान नही लेते । सम्बंधित विभाग में लिखित में शिकायत देना पड़ता है तब जाकर संज्ञान लिया जाता है ये फिर बड़े रसूख दार य विभागीय अधिकारी कर्मचारी होने से शिकायत पत्र रद्दी कागज बन जाता है बिलाईगढ़ क्षेत्र में शासकीय शिक्षक (शिक्षिका )सिप्पी केशरवानी ने नियम विरुद्ध पीएम किसान निधि का बेजा लाभ ले रही है अभी तक 14 क़िस्त का लाभ ले चुकी है।

कौन नहीं ले सकता लाभ

जिनके नाम संस्थागत जमीन है, वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते. सरकार की ओर से कुछ नौकरियों का विवरण दिया गया है जिसके मुताबिक परिवार में एक या एक अधिक व्यक्ति नौकरी में हो तो उसे पीएम सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा. संवैधानिक पद पर बैठे या रिटायर्ड व्यक्ति को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पूर्व और मौजूदा मंत्री, राज्य सरकार में मंत्री, पूर्व या मौजूदा लोकसभा या राज्यसभा सदस्य, विधायक , विधान पार्षद, नगर निगमों के पूर्व या मौजूदा मेयर, जिला पंचायत के मोजूदा या पूर्व अध्यक्ष भी किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं ले सकते.

पेंशनर को लाभ नहीं

सुपरन्यूएटेड या रिटायर्ड पेंशनर्स जिनकी महीने की पेंशन 10 हजार रुपये या इससे ज्यादा है, किसान सम्मान निधि का फायदा नहीं उठा सकते. हालांकि इसमें मल्टी टास्किंग स्टाफ, क्लास4 और ग्रुप डी कर्मचारी को अलग रखा गया है जो योजना का लाभ ले सकते हैं. सभी पेंशनर जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स दिया है, वे इसका लाभ नहीं ले सकते. डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए और पेशेवर कंपनियों से जुड़े आर्किटेक्ट भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते.

कोई व्यक्ति या किसान परिवार जिसके पास जोत लायक 2 एकड़ से ज्यादा जमीन है, वो इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते. सम्मान निधि का पैसा पाने के लिए गलत डिक्लेरेशन दिया गया और पैसे लिए गए तो सरकार उसे रिकवर करेगी. कानून के मुताबिक अन्य कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है. भूमि मालिक की मौत हो जाने पर जिस किसी व्यक्ति के नाम जमीन होगी, उसे भी किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जाएगा.

किसान परिवार का क्या है मतलब
सरकार की तरफ से किसान परिवार का विवरण भी दिया गया है जिसमें पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हों और इन सबके नाम 2 एकड़ से ज्यादा जमीन न हो. अगर किसी व्यक्ति के नाम जमीन नहीं है तो उसे सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा. सही किसानों की पहचान करने का काम राज्य सरकारों का है. उनकी तरह से ही किसानों के नाम जारी किए जाते हैं जिसे केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि देती है.

जब हितग्राहि शिक्षक से दुरभाष के माध्य्म से हमारी मीडिया टीम ने पक्ष जानना चाहा तो हितग्राहि सिप्पी केशरवानी ने कटवानें में लगी हु और मेरे मिस्टर ने बनवाया है कह कर जवाब दिया गया

भाग 2 में सभी सक्क्ष को चस्पा कर समाचार प्रकाशित किया जायेगा

MUKESH JOLHEY

CHIEF EDITOR HINDI MEDIA

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