नौकरी की अर्ज़ी लेकिन दस्तावेज फर्जी, शिक्षक गीतेश्वर मेहर के नियुक्ति पर जाँच की माँग

फर्जी दस्तावेज के सहारे गीतेश्वर मेहर शिक्षक पद पर ? आखिर आरक्षित वर्ग में बेजा लाभ क्यों ?
सारंगढ़ – सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में फर्जी शिक्षक का भरमार लगा हुआ है जहा फर्जी दस्तावेज के सहारा कर रहे नौकरी और सरकार से ले रहे मोटी तनख्वाह, आपको बता दे ऐसे ही एक मामला सारंगढ़ विकासखंड का है जिला मुख्यालय से महज 15 किलो मीटर दूर प्राथमिक शाला छोटे कोसिर है जहा पदस्थ गीतेस्वर मेहर है जो काफी लंबे समय से भी पदस्थ है। सूत्र से मिली जानकारी अनुसार मेहर ओबीसी वर्ग में आता है लेकिन गीतेस्वर मेहर जो है अनुसूचित जाति वर्ग में नौकरी कर रहे जिस संबध में खुद जानकारी में शिक्षक की जुबानी बताया की ओ अनुसूचित जाति में आते है जबकि उन्हे हाल ही में एक आदेश 2023 में लागू आदेश अनुसार मेहर,महार,मेहरा,को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया लेकिन उससे पहले ओबीसी वर्ग में होने का प्रमाण मिलता है।
वंशज मड़वा ( जांजगीर ) का लेकिन जाति प्रमाण पत्र रायगढ़ जिला से जारी ?
वही जब इस संबंध में दस्तावेज की जानकारी शिक्षक से मांगी गई तो पिता की जाति प्रमाण पत्र और खुद की जाती प्रमाण पत्र,दाखिला दिखाते हुए बताया जिसमे साफ तौर में पिता की जाति प्रमाण पत्र तो मध्यप्रदेश शासन काल में बिलासपुर जिला और तहसील शक्ति से बना है जबकि पुत्र शिक्षक गीतेस्वर मेहर का पैतृक ग्राम और उनका जन्म मड़वा गांव जो की अभी वर्तमान में सक्ति जिला में आता है और उस समय भी जांजगीर जिला और तहसील सक्ति दाखिला खारिज में अंकित है अब सवाल सबसे बड़ा यह उठता है की आखिर जाति कहा बनता है नियम तो यह कहता है जिसका पैतृक गांव या फिर जहा उनके पूर्वज निवासरत रहते है वंशज की गृह निवास जहा रहता है वही से जाति बनता है लेकिन आखिर गीतेस्वर मेहर का जन्म ही मड़वा गांव जांजगीर में आता है लेकिन जाति प्रमाण पत्र राजीव नगर कोतरा रोड रायगढ़ से जारी किया गया ।
गीतेस्वर मेहर की नियुक्ति,जाति प्रमाण पत्र,और दस्तावेज की सुक्ष्म जांच होनी चाहिए
जिस तरह से जाति प्रमाण पत्र रायगढ़ से बनाया गया यह पूर्ण रूप से संदेह का विषय है क्योंकि जाति प्रमाण पत्र रायगढ़ से बनाया गया जबकि नियम कहता है की ऐसा नहीं बनाया जा सकता फिलहाल मेहर ओबीसी वर्ग में आने की बात पहले से चर्चा में रहा है उसे भी जांच करने की आवश्यकता है शिक्षा विभाग में नौकरी को लेकर चल रहा बड़ा धांधली पर पर्दा उठ सकता है फिलहाल इसकी शिकायत उच्च स्तरीय शिकायत कर इसकी पूर्ण जांच कराई जाएगी फिलहाल देखना यह होगा कि समाचार प्रकाशित होने के बाद विभाग क्या संज्ञान लेता है?