Uncategorized

परसाडीह में धड़ल्ले से हो रहा अवैध पत्थर खदान संचालित

दनादन के अवैध पत्थर खदान पर कार्यवाही कब ?

बारूद ब्लास्टिंग कर निकाल रहे पत्थर

बालस्टिंग कर के निकाला गया पत्थर

सारंगढ़ – गुडेली टीमरलगा की खदानों से आप सब भली भाती परिचित है जहा सैकड़ों एकड़ जमीन का खदान धड़ल्ले से चल रहा बताया जाता है की कुछ खदान के नाम पर लीज लिया जाता है और अधिकांश अवैध रूप से खनन किया जा रहा जिसको लेकर लगातार खनिज विभाग की टीम छापामार कार्यवाही किया जा चुका है लेकिन अधिकारी के नाक के नीचे 2 एकड़ लगभग से अधिक की जमीन पर जमकर हो रहा पत्थर का अवैध खनन आपको बता दे सारंगढ़ से महज 10 से 8 किलोमीटर दूर ग्राम परसाडीह में धड़ल्ले से हो रहा खनन का काम लेकिन सारंगढ़ जिला प्रशासन से लेकर खनिज विभाग तक अनजान है सूत्र की माने तो बताया जा रहा है की किसी प्रकार का कोई लीज नही लिया गया और वही खदान में किसी प्रकार का कोई बोर्ड नहीं लगा है और ना ही कोई दिशा निर्देश यही पर सारी चीजे साफ नजर आ रहा की अगर लीज होता तो नियम यह भी कहता है सूचना बोर्ड या निर्देश बोर्ड लगा रहता आखिर कौन है इसका मास्टरमाइंड जिन्हे किसी अधिकारी का कोई भय नही और ना ही उनके लिए किसी प्रकार का नियम कानून ।

बारूद ब्लास्टिंग कर निकालते है पत्थर?

बालस्टिंग करने के लिए किया गया ड्रिल मशीन से होल

आपको बता दे लगभग दो एकड़ से अधिक की जमीन से पत्थर निकाला जा रहा खनन करने के लिए जिस तरह से पत्थरों में जगह जगह पर छेद किया गया उसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा की किसी ड्रिल मशीन से छेद किया गया और दर्जनों स्थानों में बड़ी बड़ी छेद करके बारूद ब्लास्टिंग करने की फिराक में हो सकता है ? अभी खदान के कुछ हिस्सों के पानी भरा हुआ है जिसे ट्यूबवेल ( मोटर मशीन) लगाकर पानी बाहर निकाला जा रहा

खनन माफिया खनिज विभाग को दे रहा चुनौती ?

विगत दिनों जिला कलेक्टर ने किसी प्रकार की अवैध खनन , रेत,गिट्टी परिवहन, पर अंकुश लगाने के लिए छापामार कार्यवाही का निर्देश दिया गया था जिला प्रशासन के निर्देश पर खनिज विभाग ने टास्क फोर्स का गठन कर लगातार कार्यवाही किया गया था ऐसे में सारंगढ़ से महज कुछ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम परसाडीह में चल रहे अवैध खदान पर किसी अधिकारी या विभाग की नजर अब तक नही पड़ा ये उनके कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाना लाजमी होगा ? क्या ऐसे खदानों पर होगी कार्यवाही अब देखना यह होगा कि समाचार प्रकाशित होने के बाद विभाग क्या संज्ञान लेगा या फिर अभयदान की कृपा बना रहता है

MUKESH JOLHEY

CHIEF EDITOR HINDI MEDIA

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button